बिहार की महिलाओं को सरकारी नौकरी में 35% आरक्षण: जानें नीतीश कैबिनेट के 43 बड़े फैसले
बिहार महिला आरक्षण 2025: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की अहम बैठक में 43 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। इसमें सबसे बड़ा फैसला बिहार की मूल निवासी महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 35% क्षैतिज आरक्षण का है। इस आरक्षण का लाभ केवल स्थानीय महिला अभ्यर्थियों को ही मिलेगा, अन्य राज्यों की महिलाएं इससे वंचित रहेंगी।
मुख्य बिंदु: क्या है इस आरक्षण का मतलब?
विषय | विवरण |
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आरक्षण का लाभ | केवल बिहार की मूल निवासी महिलाओं को |
आरक्षण का प्रतिशत | 35% क्षैतिज आरक्षण |
क्षेत्र | सभी सरकारी सेवाएं (सीधी नियुक्ति) |
बाहरी राज्य की महिलाएं | इस आरक्षण के अंतर्गत नहीं आएंगी |
कुल प्रस्ताव | 43 प्रस्तावों पर कैबिनेट की मुहर |
मीटिंग की अध्यक्षता | मुख्यमंत्री नीतीश कुमार |
मीटिंग का समय | 10:30 AM, दिन: मंगलवार |
आरक्षण का लाभ किन महिलाओं को मिलेगा?
सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि केवल बिहार की निवासी महिलाएं, जिनके पास स्थानीय निवास प्रमाण पत्र (Domicile Certificate) होगा, वही इस 35% आरक्षण का लाभ ले सकेंगी। चाहे वह अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग या सामान्य वर्ग की हों, सभी को यह आरक्षण समान रूप से मिलेगा।
अन्य 5 बड़े फैसले जो आपके लिए ज़रूरी हैं
1. बिहार युवा आयोग का गठन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया है कि बिहार में युवा आयोग (Youth Commission) का गठन किया जाएगा। यह आयोग युवाओं की समस्याओं और विकास की योजनाओं पर काम करेगा।
2. दिव्यांग उम्मीदवारों को आर्थिक सहायता
मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना (संबल योजना) के अंतर्गत:
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मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए ₹50,000
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साक्षात्कार की तैयारी के लिए ₹1,00,000
की राशि दी जाएगी। हालांकि, यह सहायता केवल पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर और सामान्य वर्ग के पुरुष दिव्यांग अभ्यर्थियों को नहीं दी जाएगी।
3. सामान्य प्रशासन विभाग का निर्णय
सामान्य प्रशासन विभाग के तहत कई नीतिगत सुधारों पर भी स्वीकृति दी गई है, जो सीधे तौर पर प्रशासनिक कार्यप्रणाली को पारदर्शी और तेज़ बनाएंगे।
4. समाज कल्याण और पंचायती राज विभाग में बदलाव
इन विभागों से जुड़े कुछ पुराने नियमों को रद्द कर नई नीतियां लागू करने की स्वीकृति दी गई है, जिससे स्थानीय स्तर पर विकास योजनाओं को बल मिलेगा।
5. पथ निर्माण और कृषि विभाग के लिए बजट मंजूरी
राज्य की सड़कों और किसानों के लिए कई नई योजनाएं लाई जाएंगी। विशेष रूप से ग्रामीण सड़कों के निर्माण और सिंचाई प्रणाली में सुधार पर ज़ोर दिया गया है।
नीतीश सरकार का उद्देश्य क्या है?
इस पूरी कैबिनेट बैठक का उद्देश्य बिहार की स्थानीय महिलाओं, दिव्यांगों, युवाओं और किसानों को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। सरकार चाहती है कि राज्य के संसाधनों का लाभ बिहार के लोगों तक ही सीमित रहे।
आरक्षण से संबंधित महत्वपूर्ण बातें
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यह आरक्षण सिर्फ सीधी भर्तियों पर लागू होगा।
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आरक्षण स्थायी नौकरी, संविदा और नियोजन पदों पर लागू होगा।
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यह क्षैतिज आरक्षण होगा, यानी अन्य आरक्षण कोटे के अंदर महिलाओं को यह लाभ मिलेगा।
जरूरी दस्तावेज़ क्या होंगे?
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स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र (Domicile Certificate)
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आधार कार्ड
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शैक्षणिक प्रमाण पत्र
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जाति प्रमाण पत्र (यदि आवश्यक हो)
लाभ किसे नहीं मिलेगा?
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बिहार के बाहर की महिलाएं, भले ही वे लंबे समय से बिहार में रह रही हों, इस आरक्षण का लाभ नहीं ले सकेंगी।
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पुरुष अभ्यर्थियों या अन्य राज्य की महिलाएं इस 35% क्षैतिज आरक्षण से बाहर रहेंगी।
भविष्य में क्या असर पड़ेगा?
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सरकारी नौकरियों में महिला भागीदारी बढ़ेगी।
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बिहार की लड़कियों की शिक्षा और नौकरी के प्रति रुचि बढ़ेगी।
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स्थानीय प्रतिभाओं को प्राथमिकता मिलेगी, जिससे पलायन में कमी आ सकती है।
सुझाव और निष्कर्ष
यह फैसला बिहार की महिलाओं के लिए ऐतिहासिक अवसर है। अगर आप बिहार की मूल निवासी हैं और सरकारी नौकरी की तैयारी कर रही हैं, तो आपके लिए यह बेहद सुनहरा मौका है। नीतीश सरकार का यह कदम महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।
डिस्क्लेमर (Disclaimer)
यह लेख सरकारी वेबसाइट पर जारी की गई जानकारी और समाचार रिपोर्ट्स पर आधारित है। उम्मीदवारों से अनुरोध है कि वे आधिकारिक अधिसूचनाओं और वेबसाइट्स जैसे bihar.gov.in पर जाकर पूरी जानकारी प्राप्त करें। इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना है, यह किसी प्रकार की कानूनी सलाह नहीं है।